"बस, काम कर" - For Mr. Shwetabh Gangwar [Wrote On: 4th September, 2025] | Poem by Abhansh Srivastava 💙🤍
जीवन में कुछ पाने की चाह हो,
सामने ऊँची पहाड़ों की कठिन राह हो,
दिल और दिमाग़ में नीचे गिरने का डर हो,
या फिर नीचे गिरने से लगी चोट का दर्द हो,
बस, काम कर ।
जीवन में किसी अपने की तलाश हो,
या अपनो को एक बेहतर जीवन देने की आश हो,
प्यार में मिल रही चोट का दर्द हो,
या किसी के छोड़ के चले जाने का ग़म हो,
जैसा की श्वेताभ भाई ने कहा है,
बस, काम कर ।
~ अभांश श्रीवास्तव 💙🤍
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